Tuesday, August 27, 2019

JYOTISH EK VIGYAN (PART-4)

अब तक आप सब यह समझ ही गए होंगे कि ज्योतिष विषय कल्पना मात्र नहीं है ,यह अपने आप में पूर्ण विज्ञान है जो आधुनिक विज्ञान से  महान है i मैंने आपको ज्योतिष एक विज्ञान (भाग -3) में कुछ प्रश्न पूछे थे पहले तो उनका जवाब देता हूं फिर आगे बढ़ते हैं ।।                                               
                 सिनेमाघरों में फिल्में शुक्रवार को ही लगाई जाती हैं क्योंकि ज्योतिष के अनुसार सिनेमा जगत का कारक शुक्र ग्रह है और शुक्रवार का स्वामी भी शुक्र है जिसके कारण फिल्में शुक्रवार को ही सिनेमाघरों में लगाई जाती  हैं। न्याय का कारक शनि है और ज्योतिष में शनि को काले रंग का अधिपति माना गया है इसलिए न्यायालय में जज और वकील काला कोट पहनते हैं ।चंद्रमा मन का और सफेद रंग का कारक है, डॉक्टर हमेशा सफेद कोट इसलिए पहनते हैं ताकि वह मानसिक रूप से मजबूत रहें और किसी भी प्रकार केे दृश्य को देखकर उनका मन विचलित ना हो। इस प्रकार ऐसे बहुत उदाहरण है जो हमारे समाज में हमारे आस पास ही हैं ।
 अब हम ज्योतिष विद्या को माने या ना माने यह हमारे ऊपर निर्भर है लेकिन हमारे चारों ओर जो भी हो रहा है वह ज्योतिष के अनुसार ही हो रहा है ।                                        पृथ्वी पर आदि काल से ही ज्योतिष विद्यमान है ओशो के अनुसार पृथ्वी पर मानव जीवन के आरंभ से ही ज्योतिष का अस्तित्व है। प्राचीन काल से ही ज्योतिषियों द्वारा जन्म कुंडलियों का निर्माण और विभिन्न प्रकार की भविष्यवाणी होती रही है।प्राचीन काल में प्रत्येक राजा अपने दरबार में राज ज्योतिषी अवश्य रखते थे, उन्हीं के कहे अनुसार अपने कार्य करते थे हम इतिहास से आज तक के ज्योतिष के इतिहास की बात करेंगे बाल्मीकि रामायण में भगवान राम के जन्म कालीन ग्रहों का वर्णन है।जैसा कि मैंने आपको बताया कि  प्रत्येक राजा अपने दरबार में राज ज्योतिषी अवश्य रखते थे और उन्हीं की सलाह और बताए गए महूरत पर ही सारे कार्य करते थे उदहारण के लिए रामायण में महर्षि वशिष्ठ, महाभारत में महर्षि गर्ग आचार्य जी ,राजा विक्रमादित्य के समय आचार्य वराह मिहिर जैसे नाम हमारे पास उदाहरण और साक्ष्य के रूप में विद्यमान है ।।                                           
                आज के समाज की यदि बात की जाए तो आज भी प्रायः लोग अपनी और अपनी संतान के जन्मकुंडली बनवाते हैं और भविष्य की जानकारी के प्रति उत्सुक रहते हैं ।जो लोग ज्योतिष को झूठ या बकवास कहते हैं वह भी अपने ऊपर आपत्ति आने पर ज्योतिषी के पास जाते हैं और उनसे सहायता की याचना करते हैं ।अब जो तथ्य आपके सामने रखने जा रहा हूं ,उनको आप इंटरनेट पर साक्ष्य के तौर पर देख सकते हैं ।तानाशाह हिटलर बड़े सैनिक अभियानों को शुरू करवाने का अपने ज्योतिषियों से मुहूर्त निकलवा था तथा इसके लिए वह अपने निजी ज्योतिषी द्वारा शत्रु के सेनापति की कुंडली के ग्रहों का तुलनात्मक विश्लेषण करवाता था। इंग्लैंड ने भी द्वितीय विश्व युद्ध में संभावित हमलों का अनुमान लगाने के लिए ज्योतिष की सेवाएं ली थी। फिलीपींस और इंडोनेशिया में राजनीतिक जीवन में शुभ अंको का पूरा असर है ।जापान में आज भी शादी तथा शुभ कार्यों के लिए शुभ दिन निकल आते हैं ।अपने भारत में तो जन्म से लेकर मृत्यु तक ज्योतिषी की सलाह ली जाती है ।अब तो बड़ी-बड़ी कंपनियां आवेदक की योग्यता के साथ साथ आवेदक की जन्म कुंडली के ग्रहों की जानकारी हासिल करती है कि यह व्यक्ति कंपनी के लिए भाग्यशाली होगा या नहीं ।अपराध अनुसंधान के क्षेत्र में पेचीदा मामलों में अब जांच एजेंसियां भी ज्योतिष के ग्रह- नक्षत्र का सहारा ले रही है अनुसंधान की सुविधा को फॉरेंसिक एस्ट्रोलॉजी कहा जाता है ।                                               
                                                                         अब आपको इसी कड़ी में एक वास्तविक किस्से से रूबरू करवाता हूँ।  सन 2000 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(UGC) ने विश्वविद्यालयों में ज्योतिष को अध्ययन के एक विषय के तौर पर शामिल किया गया। UGC के इस फैसले के खिलाफ पहला मुकदमा मद्रास हाईकोर्ट में ,उसके बाद  जाने माने वैज्ञानिक पद्मनाभैया ने आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट में दर्ज किया लेकिन दोनों जगह ही उन्हें हार मिली। फिर उन्होंने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी। 4 नवम्बर 2004 को जब इस केस की सुनवाई शुरू हुई तो हमारे सम्मानिय डॉ के एन राव जी ने अवस्थता की हालत में अकेले उस केस की न सिर्फ पैरवी की  बल्कि मुकदमा जीत भी लिया और ज्योतिष को विज्ञान सिद्ध किया ।यदि अभी भी किसी को ज्योतिष के विज्ञान होने में शंका हो तो Dr. K .N. Rao जी द्वारा लिखित पुस्तक Jyotish The Super Science पढ़ ले।इस पुस्तक में आपको उस केस का पूरा ब्यौरा मिल जाएगा। तो हमारे माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार भी ज्योतिष एक विज्ञान है।                                                     
           ज्योतिष के अनेक प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष लाभ है।विपत्ति की घड़ियों में ज्योतिष एक श्रेष्ठ मित्र होता है जन्मपत्रिका यह दर्शाती है कि ज्योतिष ना केवल श्रेष्ठतम विज्ञान है अपितु संकट की घड़ियों में बचाव भी करता है यह ना केवल मानव के भविष्य कथन तक सीमित है अपितु विश्व भर के घटनाक्रम इसी शास्त्र द्वारा जाने जा सकते हैं इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद आप सभी के सुझावों का स्वागत है।                                                                                                         आपका अपना

                                       Astrologer Deepak mudgil

                                        Cont. No.9813508507

JYOTISH EK VIGYAN (PART-4)

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